वर्कआउट करना किसी के लिए मजेदार, तो किसी के लिए बोरिंग हो सकता है। लेकिन अगर वर्कआउट के बाद मांसपेशियों में खिंचाव आ जाता है और दर्द होता है, तो ऐसे में वर्कआउट जारी रखना सभी के लिए भी मुश्किल हो सकता है और बने बनाए फिटनेस गोल पर पानी फिर सकता है। अगर आप भी इसी वजह से वर्कआउट नहीं कर पा रहे हैं, तो आपको बता दें कि कुछ ऐसे फूड्स हैं जो वर्कआउट के बाद होने वाले मांसपेशियों के इस खिंचाव और दर्द से राहत प्रदान कर सकते हैं। आइए जानते हैं पोस्ट वर्कआउट डायट या फूड्स के बारे में।
वर्कआउट के बाद डायट में केला
केला कॉम्प्लेक्स कार्बोहाइड्रेड का बेहतरीन सोर्स है, जो पचने में बेहद आसान है। यह इंसुलिन को स्पाइक करने में मदद कर सकता है जो प्रोटीन को मसल्स में पहुंचाने और मसल्स के पुनर्निमार्ण और विकास को स्टिम्युलेट कर सकता है। इसके साथ ही यह इलेक्ट्रोलाइट पोटेशियम का एक अच्छा सोर्स है, जो कि रिसर्च के अनुसार जिम के बाद मसल्स के दर्द और अकड़न को कम कर सकता है। आप चाहे तो इसकी स्मूदी बना सकते हैं, ओट्स के ऊपर इसकी स्लाइस डालकर खा सकते हैं या इसे ऐसे ही छीलकर खा सकते हैं। यह सभी तरह से उतना ही प्रभावी होगा।
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वर्कआउट के बाद डायट में अंडे को करें शामिल
प्रोटीन मांसपेशियों का एक आवश्यक निमार्ण और रिकवरी के लिए आवश्यक है। इसलिए आश्चर्य की बात नहीं है कि कई स्टडीज में इस बात की पुष्टि की गई है कि प्रोटीन के अच्छे सोर्स अंडे को वर्कआउट के बाद खाने से मसल्स सोरनेस में राहत मिलती है। इसके साथ ही अंडा ल्यूसिन का अच्छा सोर्स है, जो कि मांसपेशियों की रिकवरी से जुड़ा हुआ है। एक अंडे में लगभग 80 कैलोरी और 6 ग्राम प्रोटीन होता है। वर्कआउट के बाद डायट में अंडे को शामिल करें। अगर आप इसे उबालकर खाते हैं तो बेहतर होगा।
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वर्कआउट के बाद डायट में वाॅटरमेलन है जरूरी
पसीने से भरे इंटेंस वर्कआउट सेशन के बाद वाॅटरमेलन खाना किसे अच्छा नहीं लगेगा, लेकिन इतना ही नहीं वाटरमेलन में अमिनो एसिड, एल सिट्रुलीन पाया जाता है, जो मसल्स पेन से राहत प्रदान करता है। एक स्टडी में ऐसा दावा किया गया है कि वर्कआउट के बाद वाटरमेलन जूस लेने से हार्ट रेट रिकवरी और मसल्स पेन में राहत मिलती है।
तरबूज में पाई जाने वाली नैचुरल शुगर मांसपेशियों में प्रोटीन को एक्टिव करने और ग्लाइकोजन को फिर से स्टोर करने में मदद करेगी। इसमें पाई जानी वाली पानी की मात्रा मसल्स क्रैम्प और पोस्ट वर्कआउट डीहाइड्रेशन से भी बचाती है। आप चाहे तो स्मूदी में इसका उपयोग कर सकते हैं या फिर सलाद में या इसे ऐसे ही काटकर खा सकते हैं।
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वर्कआउट के बाद डायट में सैल्मन
सैल्मन में एंटी इंफ्लामेट्री ओमेगा-3 फैटी एसिड पाया जाता है। इसके साथ ही इसमें मसल्स बिल्डिंग प्रोटीन भी होता है। यह पोस्ट वर्कआउट डायट के लिए परफेक्ट है। रिचर्स के अनुसार सैल्मन प्रोटीन सिंथेसिस को बढ़ाती है, जिससे मसल्स ग्रो होने के साथ ही रिपेयर होती हैं।
कॉफी
कॉफी के चाहने वालों के लिए ये अच्छी खबर है। रिसर्च में कहा गया है कि कॉफी का सीमित मात्रा में उपयोग (एक कप या दो कप) वो भी वर्क आउट के एक घंटे पहले वर्कआउट के बाद के दर्द को कम कर सकता है।
हल्दी
हल्दी पर की गई रिसर्च में ये बात सामने आई है कि इसमें पाए जाने वाला एक्टिव इंग्रीडेंट करक्यूमिन मांसपेशियों के दर्द, चोट के दर्द को कम करने के साथ ही मसल्स की रिकवरी करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। खाने में हल्दी का उपयोग करना बेहद आसान है। इसे आप ओटमील, अंडे के ऊपर या स्मूदीज में डालकर उपयोग कर सकते हैं।
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वर्कआउट के बाद खाएं पाइनएप्पल
पाइनएप्पल खाने में भले ही मुश्किल लगे, लेकिन यह बेहद फायदेमंद होता है। इसमें ब्रोमेलेन नामक एंजाइम होता है, जो प्रोटीन को पचाने का काम करता है। साथ ही ये मांसपेशियों की सूजन को कम करने, मसल्स और जॉइंट पेन को कम करने में सहायक होता है। इसलिए आप वर्कआउट के बाद पाइनएप्पल खा सकते हैं। आप चाहे तो इसका शेक या फिर जूस भी पी सकते हैं।
वर्कआउट के बाद डायट और चैरी का जूस
चैरी का जूस वर्कआउट के बाद मांसपेशियों के दर्द से राहत प्रदान कर सकता है। चैरी एंटीऑक्सीडेंट का खजाना होती है, जो सूजन को कम करने के साथ ही मांसपेशियों के दर्द से राहत प्रदान करती है। इसमें एंटी इंफ्लामेट्री प्रॉपर्टीज भी पाई जाती हैं। रिसर्च से पता चलता है कि चैरीज में जो कंपाउंड मिलते हैं, उन्हें एंथोासायनिन के रूप में जाना जाता है जो कि मांसपेशियों में दर्द और कमजोरी, सूजन और सेलुलर क्षति से राहत देने में मदद करते हैं, जो कठिन व्यायाम के बाद होता है।
स्वीट पोटेटो को जरूर शामिल करें वर्कआउट के बाद वाली डायट में
स्वीट पोटेटो को अपने पोस्ट वर्कआउट मील में शामिल कीजिए और सोर मसल्स को गुडबाय कहिए। यह स्टार्ची वेजीटेबल वर्कआउट के बाद कम होने वाले ग्लाइकोजन की पूर्ति करती है। इसके साथ ही इसमें बीटा कैरोटीन और विटामिन सी भरपूर मात्रा में पाया जाता है, जो बॉडी को हेल्दी एवं स्ट्रॉन्ग बनाता है।
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वर्कआउट के बाद मांसपेशियों में दर्द होने पर ना खाएं ये चीजें
शुगर युक्त फूड्स
मांसपेशियों में दर्द को सूजन का एक रूप माना जाता है। इसलिए जब आप वर्कआउट करते हैं, तो ऐसे पदार्थों से दूरी बनाकर रखनी चाहिए जो सूजन का कारण बनते हैं। जिसमें रिफाइंड कार्ब्स जैसे कि शक्कर शामिल है।
2017 में 12,000 से अधिक लोगों पर किए गए एक अध्ययन में पाया गया कि जिन लोगों ने अधिक चीनी का सेवन किया (जैसे कि सोडा में पाई जाने वाली चीनी या कॉफी या चाय में इस्तेमाल की गई चीनी) में उन लोगों में इंफ्लामेशन का लेवल उनकी तुलना में हाई पाया गया जिन्होंने कम चीनी का सेवन किया था।
जिन पदार्थों में नैचुरल शुगर पाया जाता है जैसे कि फ्रूट्स, मिल्क, अनाज और सब्जियां उनसे नुकसान नहीं होता है।
एल्कोहॉल
वर्कआउट के बाद एल्कोहॉल का सेवन पेन और इंजरी का कारण बन सकता है। शराब कोशिकाओं को डीहाइड्रेड कर देती है। जिसकी वजह से मसल्स क्रैम्प, दर्द और मांसपेशियों में तनाव होता है। इसके साथ ही यह मसल्स रिकवरी में भी बाधा डालती है।
उम्मीद करते हैं कि आपको यह आर्टिकल पसंद आया होगा और वर्कआउट के बाद डायट के बारे में जरूरी जानकारियां मिल गई होंगी। अधिक जानकारी के लिए एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें। अगर आपके मन में अन्य कोई सवाल हैं तो आप हमारे फेसबुक पेज पर पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।
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