सामान्यता हर व्यक्ति के शरीर पर तिल पाया जा सकता है। इनका रंग काला या भूरा हो सकता है जो हल्के या गहरे भी हो सकते हैं। आमतौर पर, भारतीय संस्कृति में शरीर पर तिल को भविष्य और भाग्य से जोड़ कर देखा जाता है। हालांकि, शरीर पर तिल होने के महत्व को विज्ञान इसके एकदम उलट मानता है। विज्ञान शरीर के अलग-अलग हिस्सों पर तिल के होने की स्थिति को स्वास्थ्य से जुड़ा हुआ देखता है। जिसमें तिल के रंग, आकार, प्रकार और स्थान के लिए अलग-अलग स्वास्थ्य स्थितियां और उनसे जुड़े जोखिम बताए जाते हैं। अगर आपके भी शरीर पर तिल है, तो यहां बताई जा रही जरूरी बातें जानना आपके लिए आवश्यक हो सकता है।
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जानिए शरीर पर तिल और उनकी स्थिति पर साइंस की गणना
किसी महिला के शरीर पर तिल या किसी पुरुष के शरीर पर तिल होने का क्या अर्थ होता है, इसे जानने से पहले आपको कुछ अन्य जरूरी बातों पर गौर करना चाहिए। जिसमें शामिल हो सकते हैंः
शरीर पर तिल क्यों होता है?
जिस तरह शरीर की त्वचा पर पाए जाने वाले रोएं (त्वचा पर छोटे-छोटे बाल) आज भी कई तरह से एक कौतुहल माने जाते हैं, उसी तरह ठीक किसी महिला के शरीर पर तिल या किसी पुरुष के शरीर पर तिल होना भी एक कौतुहल का विषय हो सकता है। शरीर पर तिल क्यों होता है या शरीर पर तिल होना कितना जरूरी है, इसके बारे में अभी भी उचित शोध करने की आवश्यकता हो सकती है। विज्ञान के अनुसार, शरीर पर ये तिल तब होते हैं जब त्वचा में कोशिकाएं पूरे त्वचा में फैलने के बजाय एक क्लस्टर में बढ़ना शुरू कर देती हैं। इन कोशिकाओं को मेलानोसाइट्स (melanocytes) कहा जाता है। ये पिगमेंट बनाते हैं जो त्वचा को अपना प्राकृतिक रंग देता है। जो किशोरावस्था और गर्भावस्था के दौरान होने वाले हार्मोन बदलाव से गरहे रंग के हो सकते हैं। वहीं, सूर्य के संपर्क में आने के बाद भी ये काले या भूरे रंग का हो जाते हैं। हालांकि, शरीर के अलग-अलग अंगों या त्वचा के अलग-अलग हिस्सों में तिल का निकलना साइंस सेहत से जुड़ा मानता है। तिल को अंग्रेजी में मोल (Mole) भी कहा जाता है। इनका आकार सामान्य तौर पर गोल होता है, हालांकि विशेष स्थितियों में यह चकोर, अंडाकार या अन्य आकार के भी हो सकते हैं। इसकी तरह इनका साइज भी एक पेन के डॉट से लेकर एक बड़े गोल तिलक तक भी हो सकता है। शरीर में तिल एक भी हो सकता है और एक ही स्थान पर कई तिल भी हो सकते हैं।
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किसी महिला या पुरुष के शरीर पर तिल कब निकलता है?
अधिकांश तौर पर तिल बचनपन से ही किसी महिला या पुरुष के शरीर पर दिखाई दे सकते हैं। हालांकि, यह 25 साल की उम्र के दौरान भी दिखाई दे सकते हैं और कुछ मामलों में 40 साल की उम्र में शरीर के अलग-अलग हिस्सों में तिल निकल सकते हैं। आमतौर पर, कुछ तिल उम्र बढ़ने के साथ छोट या बड़े भी होने लगते हैं। जिनमें से कुछ तो शरीर से गायब भी हो जाते हैं। तो वहीं, कुछ तिल भविष्य के लिए एक जोखिम भी बन जाते हैं। कभी-कभी तिल में बाल भी उगने लगते हैं। जो सामान्य और गंभीर दोनों ही स्थिति के तरफ इशारा कर सकते हैं।
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शरीर के किसी भी अंग पर तिल के प्रकार
शरीर के किसी भी अंग पर तिल होने के प्रकार निम्न हैंः
कंजेनिटल नेवी (Congenital Nevi)
कंजेनिटल नेवी जन्मजात होता है। यानि, जन्म से ही शरीर पर तिल होना। हालांकि, इसकी संभावना सिर्फ 100 में से एक ही लोगों में हो सकती है। जो भविष्य में मेलेनोमा कैंसर के जोखिम को बढ़ा सकती है। अगर किसी के शरीर पर जन्मजात तौर पर को कोई तिल है, तो उसे 15 से 18 वर्ष की आयु में उसकी जांच करवानी करवानी चाहिए।
डिसप्लास्टिक नीवी (Dysplastic Nevi)
डिसप्लास्टिक नेवी आम तौर पर औसत पेंसिल के रंग जैसे हो सकते हैं। जिनका आकार सामान्य तिलों के मुकाबले बड़ा हो सकता है। यह सेंटर में गहरे भूरे रंग का हो सकता है और इसके किनारे सेंटर से हल्के रंग के हो सकते हैं। कुछ स्थितियों में इन्हें भी भविष्य में मेलेनोमा के लक्षण माने जा सकते हैं। वहीं, अगर किसी के शरीर में इसी तरह 8 से 10 तिल दिखाई दे, तो उनमें मेलेमोना विकसित होने की संभावना 12 गुना बढ़ जाती है।
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कैसे पता करें कि कोई तिल कैंसर हो सकता है?
विशेषज्ञ आसानी से शरीर पर कैंसर के लक्षणों वाले तिलों की पहचान कर सकते हैं। हालांकि, इसके लिए जरूरी है कि सही समय पर इनकी पहचान कराने के लिए आप डॉक्टर से संपर्क करें। आमतौर पर, शरीर पर कैंसर के लक्षणों वाले तिल स्किन कैंसर होने की संभावना को बढ़ाते हैं। इस तरह के तिल अन्य मौजूदा तिलों की तुलना में अलग दिखाई देते हैं। स्किन कैंसर के लक्षणों वाले अधिकतर तिल पहली बार 25 साल की उम्र के बाद दिखाई देने शुरू हो सकते हैं। जिनकें रंग, आकार और प्रकार में आप जल्द ही बदलाव नोटिस कर सकते हैं। अगर आप किसी तिल के रंग, आकार या प्रकार में होने वाले बदलाव को गौर करते हैं, तो आपको तुरंत ही त्वचा विशेषज्ञ से संपर्क करना चाहिए। कुछ स्थितियों में कैंसर के लक्षण वाले तिल के स्थान पर खुजली होना या दर्द की भी समस्या हो सकती है।
क्या तिल में बाल निकलना कैंसर के लक्षण हैं?
तिल के स्थान पर बाल का निकलना काफी सामान्य स्थिति है। सामान्य रूप से देखा जाए, तो शरीर की पूरी त्वचा पर छोटे-छोटे रोम छिद्र होते हैं जहां पर रोएं निकलते हैं। ऐसे में तिल पर बाल निकलना काफी सामान्य स्थिति मानी जा सकती है। इन बालों को वैक्सिंग, प्लकिंग और थ्रेडिंग के जरिए निकाला भी जा सकता है। यह स्वास्थ्य के लिहाज से सुरक्षित भी माना जा सकता है। हालांकि, अगर कैंसर लक्षण वाले तिल के स्थानों पर बाल है, तो उसके बारे में आपको अपने त्वचा विशेषज्ञ से बात करनी चाहिए।
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शरीर के किसी भी अंग पर तिल की जांच कैसे करें?
अपने शरीर पर तिल की जांच करने के लिए आपको उन स्थानों की नियमित जांच करनी चाहिए, जो अधिकतर समय के लिए सूर्य की किरणों के संपर्क में आते हैं। जैसे- हाथ, छाती, गर्दन, चेहरा, कान, पैर और पीठ। अगर कुछ हफ्ते और महीने बाद भी इनके रंग, आकार या प्रकार में कोई बदलाव नहीं होता है तो ये सुरक्षित हो सकते हैं। लेकिन, इस दौरान अगर आपको इनमें किसी तरह का बदलाव दिखाई दे या इन स्थानों पर कोई नया तिल दिखाई दे, तो अपने डॉक्टर से संपर्क करें।
इसके लिए आप एबीसीडी (ABCDE) की चेक लिस्ट पर गौर कर सकते हैं, जो इस तरह हैः
- ए (A) विषमता (Asymmetry) – क्या पूरे रंग का तिल एक समान है?
- बी (B) बॉर्डर (Border) – क्या तिल के किनारे के रंग सेंटर से अलग हैं या किनारों के आकार, प्रकार या रंग में कोई बदलाव होता है?
- सी (C) रंग (Color) – क्या शरीर के सभी तिल का रंग एक जैसा है और क्या किस तिल का रंग समय-समय पर बदल रहा है?
- डी (D) गोलाई (Diameter) – क्या तिल की गोलाई पेंसिल के इरेजर से बड़ी हो रही है या बड़ी है?
- ई (E) विकास (Evolution) – क्या किसी तिल के रंग, आकार प्रकार या स्थान में किसी तरह का बदलाव हो रहा है?
अगर इन सभी चेक लिस्ट में आपका जवान नहीं है, तो ये तिल स्वास्थ्य के लिए कोई जोखिम नहीं है। लेकिन, अगर इनमें से किसी का भी जवाब हां है, तो आपको अपने डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
मेलेनोमा कैंसर कितना सामान्य है?
मेलेनोमा एक त्वचा कैंसर का प्रकार होता है। जो महिलाओं और पुरुषों दोनों में हो सकता है। पुरुषों में मेलेनोमा के लक्षण वाले तिल जहां सबसे आम तौर पर सीने (छाती) और पीठ में देखे जा सकते हैं, वहीं महिलाओं में यह पैर के निचले हिस्से में देखे जा सकता है। हांलाकि, पुरुषों के मुकाबले इसका सबसे अधिक जोखिम युवा महिलाओं देखा जा सकता है।
अगर कोई तिल कैंसर का कारण है, जो उसका निदान कैसे किया जाता है?
आपके शरीर का कोई तिल कैंसर का कारक है या नहीं, सबसे पहले इसकी जांच करने के लिए आपके त्वचा विशेषज्ञ आपको स्किन बायोप्सी की सलाह दे सकते हैं। स्किन बायोप्सी की प्रक्रिया के तहत विशेषज्ञ प्रभावित स्थान से त्वचा का एक छोटा टुकड़ा लेकर उसका मूल्यांकन करते हैं। अगर ये तिल कैंसर सेल्स युक्त होते हैं आर इनका आकार बहुत छोटा होता है, तो आपके विशेषज्ञ उस तिल के स्थान वाली त्वचा को काट कर अलग कर सकते हैं। यह सबसे उपयुक्त प्रक्रिया मानी जा सकती है। त्वचा विशेषज्ञों के अनुसार, कैंसर सेल्स युक्त तिल को त्वचा से काटने पर कैंसर फैलने का जोखिम दूर हो जाता है। इनका आकार भी छोटा होता है जिससे त्वचा को ज्यादा नुकसान भी नहीं होता है। जो बहुत ही जल्द रिकवरी भी किया जा सकता है।
कुछ स्थितियों में इसका उपचार व्यक्ति के स्वास्थ्य स्थिति और फैमिली मेडिकल हिस्ट्री के तौर पर भी किया जा सकता है। जिसके तहत विशेषज्ञ लेजर ट्रीटमेंट से लेकर, रेडिएशन थेरिपी, ओरल दवाओं या स्किन क्रीम से भी उपचार की प्रक्रिया अपना सकते हैं।
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स्किन कैंसर और कैंसर के लक्षणों वाले तिल से बचाव के लिए क्या करें?
स्किन कैंसर के कई कारण हो सकते हैं, जिसे फैमिली हिस्ट्री से लेकर, डायट और लाइफस्टाइल भी शामिल हो सकती है। ऐसे में आपको कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखना चाहिए, जैसेः
इसके बारे में अधिक जानकारी के लिए आप अपने डॉक्टर से परामर्श कर सकते हैं।
स्किन से जुड़ी अन्य समस्याओं के बारे में अपनी जानकारी बढ़ाने के लिए आप यह क्विज भी खेल सकते हैं।
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