Unhappy Matlabi Shayari, Matlabi Duniya Shayari Wallpaper
काटों में रह कर भी हम ज़िन्दगी जी लेते
है हर ज़क्म को अपने हाटों से सी लेते है
जिस दोस्त को केह दिया दोस्त का हाथ
हम ऊस हाथ से ज़हर भी पि लेते है
ज़िन्दगी में खुद को कभी किसी
इंसान का आदी मत बनाना,
क्यूंकि इंसान केवल अपने मतलब से
ही प्यार करता है..!
कोई कहता है कि दुनिया ‘प्यार’ से चलती है
कोई कहता है कि दुनिया ‘दोस्ती’ से चलती है
लेकिन जब आजमाया तो पाया कि
दुनिया तो बस ‘मतलब’ से चलती है…!!
Unhappy Matlabi Shayari
कोहनी पर टिके हुए लोग,
टुकङों पर बिके हुए लोग,
करते हैं बरगद की बातें
ये गमले में उगे हुए लोग
प्यासी ये निगाहें तरसती रहती है
तेरी याद मे अक़्सर बरसती रहती है
हम तेरे खयालों मे डूबे रहते है
और ये ज़ालिम दुनियां हम पर हंसती रहती है
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कौन किसको दिल में जगह देता हैं,
सूखे पत्ते तो पेड़ भी गिरा देता हैं,
वाकिफ हैं हम दुनिया के रिवाजो से,
मतलब निकल जाये तो हर कोई भुला देता हैं..