‘सेक्स’ शब्द का अर्थ वैसे तो बहुत व्यापक है, लेकिन कुछ लोग मानते हैं कि सेक्स का एकमात्र उद्देश्य वंश को बढ़ाना होता है। आम तौर पर यही सोच हर शादीशुदा जिंदगी में सेक्स को एन्जॉय करने की इच्छा में कमी ला देता है। जैसे ही महिला मां बन जाती है, वह अपने माँ बनने के दायित्व को निभाने में व्यस्त हो जाती है और वहीं पुरूष अपने कामों में व्यस्त हो जाते हैं। इसी भावना में दोनों पार्टनर के रिलेशनशिप में यानि विशेष रूप से सेक्स लाइफ में दूरी आने लगती है। कुछ इसी तरह की सोच के चलते महिलाओं में कम सेक्स ड्राइव की समस्या होने लगती है।
सच तो यह है कि महिला में कम सेक्स ड्राइव की समस्या को अगर प्रथम चरण में संभाल लिया जाए, तो स्थिति और ज्यादा खराब होने से बच सकती है। आम भारतीय घरों में लोग कितने ही विकासशील मनोभाव वाले हों, लेकिन सेक्स जैसे विषय पर चर्चा करने से कतराते हैं।
क्या आप जानते हैं कि महिलाओं की सेक्स लाइफ कुछ सामान्य घटकों पर निर्भर करती है। कहने का मतलब यह है कि सेक्स की इच्छा ज्यादा होना या कम होना आमतौर पर किसी रिश्ते की शुरूआत या अंत के साथ जुड़ा होता है । इसके अलावा जीवन के हर एक पहलू जैसे गर्भावस्था, मेनोपॉज या किसी बीमारी के कारण भी हार्मोन में परिवर्तन होना आदि महिला में कम सेक्स ड्राइव का कारण होता है। मानसिक समस्याओं के लिए उपयोग की जाने वाली कुछ दवाएं भी महिलाओं में कम सेक्स ड्राइव का कारण बन सकती हैं।
इस विश्लेषण से यह बात स्पष्ट रूप से सामने आती है कि सेक्स करने की इच्छा में कमी आपके खुद की इच्छा पर भी निर्भर करता है। अगर आप किसी कारणवश अपने पार्टनर से खफा हैं या दुखी हैं तो आपके सेक्स ड्राइव पर असर पड़ता है। मगर यही अवस्था जब एक समस्या का रूप लेने लगती है या एक कंडिशन बन जाती है, तब इस अवस्था को अराउजल डिसऑर्डर कहते हैं। पर महिला में कम सेक्स ड्राइव की समस्या का निदान किया जा सकता है। इसके लिए जीवनशैली में कुछ बदलाव और दोनों पार्टनर को अपने समस्याओं को एक दूसरे से साझा करके समाधान करने की जरूरत होती है।
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महिलाओं में कम सेक्स ड्राइव के कारण
महिला में कम सेक्स ड्राइव की समस्या क्यों होती है, इसके लिए अब तक हमने थोड़ी चर्चा तो की है। अब थोड़ा विस्तार से इस बारे में बात करते हैं कि आखिर ऐसी क्या बात है कि सेक्स लाइफ में यह समस्या आ जाती है।
वैसे तो सेक्स करने की इच्छा कई चीजों पर निर्भर करता है, जैसे दोनों पार्टनर का एक दूसरे के प्रति लगाव, जिसमें शारीरिक और भावनात्मक चाहत दोनों जुड़ी होती है, एक दूसरे को लेकर क्या सोचते हैं, क्या अनुभव करते हैं, दोनों पार्टनर का क्या लाइफ स्टाइल है आदि। अगर इन क्षेत्रों में किसी में भी कोई समस्या रहती है तो महिला में कम सेक्स ड्राइव की समस्या उत्पन्न हो सकती है।
भावनात्मक कारण
इसके अलावा भावनात्मक कारण भी प्रमुख समस्याओं में से एक है। प्रेग्नेंसी के बाद शरीर के बनावट में परिवर्तन, तनाव या अवसाद, पारिवारिक कारणों से आत्मविश्वास में कमी, पिछला कोई सेक्शुअल एक्सपीरियंस महिला में कम सेक्स ड्राइव का कारण बन सकता है।
शारीरिक परिवर्तन
महिला यदि लंबे समय से किसी बीमारी से परेशान है या कोई विशेष दवा ले रही है, तो यह भी लो सेक्स ड्राइव का कारण बन सकता है।
सेक्स संबंधी समस्या–
यदि सेक्स करने के दौरान दर्द होता है या किसी कारणवश महिला ऑर्गैज्म तक पहुंच नहीं पाती, तो सेक्स ड्राइव में कमी आ सकती है।
क्रॉनिक डिजीज–
अगर महिला लंबे समय से गठिया, मधुमेह, हाई ब्लड प्रेशर, न्यूरोलॉजिकल डिजीज, या दिल की बीमारी से ग्रस्त है, तो उनको यह समस्या महसूस हो सकती है।
जीवनशैली संबंधी समस्या–
यदि महिला की जीवनशैली में समस्या है, जैसे खान-पान से सम्बंधी लापरवाही या शराब का सेवन, इत्यादि, तो उनमें लो सेक्स ड्राइव की समस्या हो सकती है।
सर्जरी-
अगर किसी महिला को ब्रेस्ट या जेनिटल ट्रैक्ट संबंधित कोई सर्जरी हुई है, तो उनको भी यह समस्या हो सकती है।
थकान–
अक्सर महिलाओं में कम सेक्स ड्राइव के पीछे थकान एक मुख्य कारण होता है। दिन भर घर के काम और दायित्वों को निभाने के बाद वह थक कर चूर हो जाती है, जिसकी वजह से सेक्स करने की इच्छा उसमें नहीं बचती।
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हार्मोन में बदलाव
महिला के हार्मोन लेवल में बदलाव भी सेक्स की इच्छा में कमी का कारण बन सकता है।
मेनोपॉज-
जैसे ही महिलाएं मेनोपॉज को हिट करती हैं, उनके शरीर में एस्ट्रोजेन का लेवल कम होने लगता है, जो सेक्स की इच्छा को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है।
प्रेग्नेंसी या ब्रेस्टफीडिंग–
यह तो सभी को पता है कि प्रेग्नेंसी के दौरान, डिलीवरी के बाद और ब्रेस्टफीडिंग के दौरान महिलाओं में कम सेक्स ड्राइव की समस्या का होना बहुत आम होता है।
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महिलाओं में कम सेक्स ड्राइव के लक्षण
महिलाओं में कम सेक्स ड्राइव के लक्षण के बारे में अलग से कुछ विश्लेषण करने की जरूरत नहीं है। इसका एक ही लक्षण है सेक्स की इच्छा में कमी या प्यार करने के बारे में सोचने से कतराना। पर इसका मतलब यह नहीं है कि इसका इलाज संभव नहीं है। अगर महिला को इस समस्या के बारे में पहले ही पता चल जाता है तो डॉक्टर के सलाह के अनुसार दवा लेने से या जीवनशैली में बदलाव लाने से सेक्स ड्राइव में कमी के समस्या से निकला जा सकता है।
महिलाओं में कम सेक्स ड्राइव का इलाज
समय रहते इस समस्या का इलाज करवाने से सेक्स ड्राइव में कमी को बढ़ाया जा सकता है। इसके लिए निम्न तरीकों को ट्राई करके देख सकते हैं-
सेक्स एजुकेशन
दोनों पार्टनर को सेक्स थेरेपिस्ट या काउंसलर से सलाह लेनी चाहिए। इससे वह समस्या के जड़ को पहचानकर वैसे ही इलाज के बारे में बता सकते हैं। सेक्स एजुकेशन में कुछ थेरेपी होती हैं जो समस्या को पहचान कर तकनीकों के बारे में बताती हैं।
दवाएं-
लो सेक्स ड्राइव की समस्या डॉक्टर दवा द्वारा भी ठीक कर सकते हैं। वह महिला के समस्या के आधार पर यह पता लगाते हैं कि कहीं वह पैराक्सिटाइन(पैक्सिल) (paroxetine)और फ्लुओक्सेटीन (प्रोजैक) (fluoxetine) जैसे एंटीडिप्रेसेंट मेडिसन का सेवन तो नहीं कर रहीं है जो सेक्स ड्राइव को कम करने में मदद कर रहे हैं। वह इसके जगह पर बुप्रोपियन (Bupropion)(वेलब्यूट्रिन एसआर, वेलब्यूट्रिन एक्सएल) दवा बदलकर दे सकते हैं। इससे समस्या को कुछ हद तक कंट्रोल में लाया जा सकता है। इसके अलावा काउनसेलिंग करके लीबिडो को बढ़ाने के लिए एफडीए अनुमोदित दवा फ्लिबेंसेरिन (Flibanserin)(अडयि) जैसी दवा भी दे सकते हैं।
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इन सबके अलावा डॉक्टर हार्मोन थेरेपी के बारे में भी सुझाव दे सकते हैं। कई बार मेनोपॉज के कारण योनि में सूखापन या सिकुड़न हो जाती है, जो सेक्स ड्राइव को लो करने का कारण होता है। डॉक्टर ऐसी कुछ दवाएं दे सकते हैं जिससे सेक्स करने की इच्छा जागृत होती है और दोनों पार्टनर के बीच सबकुछ ठीक होने लगता है।
आखिर में आता है लाइफ स्टाइल में बदलाव। दवा लेने के साथ लाइफस्टाइल में बदलाव भी सेक्स ड्राइव को फिर से वापस लाने में बहुत मदद करता है, जैसे-
-रोजाना एक्सरसाइज करना
-खुद को स्ट्रेस फ्री रखना
-एक दूसरे के साथ समय बिताना
-सेक्स लाइफ में तड़का लगाने के लिए कुछ अलग पुजिशन ट्राई करना
-शराब या सिगरेट पीने के व्यसन से परहेज करना आदि।
महिला में कम सेक्स ड्राइव की समस्या को दूर करके सेक्स लाइफ में फिर से रोमांस लाने के लिए दोनों पार्टनर के बीच रिश्ता, डॉक्टर से परामर्श और जीवनशैली में बदलाव जैसे छोटी-छोटी चीजें करनी पड़ेंगी। और फिर क्या, आप दोनों की दुनिया फिर से फूलों की खुशबू से खिलने लगेगी।
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