कोराेना महामारी के दौरान सभी का पूरा साल कैसा रहा, ये हम में से किसी से छूपा नहीं है। कोराेना महामारी से केवल हम ही नहीं बल्कि पूरा विश्व इसकी चपेट है। साल का अंत होने का आया है लेकिन अभी कोरोना के केहर से लोग अभी भी शिकार हो रहे हैं। कोरोना का संकट चीन से शुरू होने के बाद फरवरी 2020 से भारत सहित पूरे विश्व को अपनी चपेट में लेना शुरू कर दिया था और उसके बाद लगातार केसज यानी काेरोना के मरीज बढ़ते रहें। जिसके चलते मार्च से लॉकडाउन लगा दिया गया था। इस साल लोगों ने फाइनेशियल से लेकर हेल्थ तक में कई तरह के उतार-चढ़ाव देखें। पूरे साल घर पर रहना आसान नहीं रहा। लोगों को बहुत सारी चुनौतियों का सामना करना पड़ा। घर पर रहने के कारण भी लोगों में कई तरह की हेल्थ प्रॉब्लम भी बढ़ी, जिसमें शामिल हैं तनाव, मोटापा, डायबिटीज और ब्लड प्रेशर की समस्या । लोगों की एक्सरसाइज से लेकर ऑफिस जाने तक सभी एक्टिविटीज बंद हाे गई। जिसकी वजह से उनकी फिटनेस पर और भी ज्यादा फर्क पड़ा है। लॉकडाउन का सफर भी लोगों के लिए आसान नहीं रहा, जिसके चलेत कई लोगों में कई तरहके मेंटल स्ट्रेस अभी तक बना हुआ है। कैसा बीता लोगों का साल 2020 जानें यहां उनका अनुभव-
कोरोना संक्रमण के भारत में केस और आंकड़े
देश में पिछले 24 घंटे में कोरोना से संक्रमण के 32,080 नए मामले आए हैं. स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोरोना से संक्रमण से जुड़े कई तरह के आंकड़े जारी किए हैं. मंत्रालय रोज सुबह 8 बजे कोरोना के ताजा आंकड़े जारी करता है. आंकड़ों के मुताबिक, पिछले 24 घंटे में कोरोना से 402 लोगों की मौत हुई है. देश में इस समय कोरोना के एक्टिव मामलों की संख्या 3,78,909 है.आंकड़ों के अनुसार, देश में अब तक संक्रमित हो चुके लोगों की कुल संख्या 97,35,850 लाख हो गई है. अब तक इस जानलेवा वायरस से देश में 1,41,360 लोगों की मौत हो चुकी है. 36,635 नए डिस्चार्ज के बाद कुल ठीक हो चुके लोगों की संख्या 92,15,181 हो गई।
डाॅक्टरों के अनुसार कैसा रहा साल 2020
अगर इस साल की बात करें तो हमारे अभी तक के अनुभव में ऐसा कभी नहीं रहा। एक समय ऐसा लगता है कि क्या करें। क्योंकि कई बार ऐसे पेशेंट भी हमारे पास आते हैं, जिनका ट्रीटमेंट बहुत ही इमरजेंसी होता है, पर हम कोविड टेस्ट किए बिना आगे का प्रॉसेस शुरु नहीं कर पाते हैं। हमारी खुद की जान प्यारी है और हमें कई और भी पेशेंट को देखना होता है, तो ऐसे में रिस्क सबके लिए बढ़ जाता है। – डॉक्टर रजनिश श्रीवास्तव, लोहइया हाॅस्पिलट, गोरखपुर
साल की बात करें तो आई हैव नो वडर्स। कोविड एक महामारी है और सबसे बड़ी बात लोग इसे समझने को तैयार नहीं हैं। पूरा साल काफी तनाव से भरा रहा और आने वाले समय का भी अभी ठीक से कुछ कहा नहीं जा सकता है। एक डॉक्टर के तोर पर तो हम सभी बातों का ध्यान रखते हैं, पर फिर भी स्ट्रेस से नहीं बच पाते हैं। हर रोज हॉस्पिटल के घर जाने के बाद यही डर बना रहा है कि कहीं हमारा परिवार न प्रभावित हो जाए। कितने दिन फैमिली से अलग भी रहा जा सकता है।– डॉक्टर सुनीता दुबे, आर्यन हॉस्पिटल, मुबंई।
इस कोरोना के सीजन में हम कई तरह के पेशेंट को हैंडल कर रहे हैं। सबसे बड़ा चैलेंज हमारे लिए ये है कि हमें कौन से पेशेंट को सस्पैक्ट करना है। पॉजिटिव मरीजों को मानिसक रूप समझाना और उनकी मानसिक स्थित को बनाए रखना एक बड़ी चुनौती से कम नहीं है। इस समय लोगों को इससे बचने के लिए अपनी फिटनेस का ध्यान रखना आवश्यक है। इसी के साथ ही हमें अपनी सेहत का भी ध्यान रखना होता है। मैं अपनी फिटनेस के लिए सूर्य नमस्कार जैसे योग को करती हूं। हम कोविड के अलावा कई गंभीर मरीजों काे भी हैंडल करते हैं। मेरी सभी लोगों से अनुरोध है कि सभी लोग स्टे होम रूल को फॉलो करें। अपनी डॉयट की तरफ भी ध्यान दें।-डॉक्टर रम्या कृष्णन, इमरजेंसी फिजिशियन, चेन्नई अपोलो हॉस्पिटल
जानें लॉकडान से लेकर अब तक के सफर पर लाेगों की राय
1- मेंटली स्ट्रेस काफी बढ़ गया है- शिखा, हाउस वाइफ, लखनऊ
29 वर्ष की शिखा लखनऊ से हैं ओर ये एक हाउस वाइफ हैं। ये 7 महीने की प्रेग्नेंट हैं और प्रेग्नेंसी के साथ और कोरोना महामारी के बीच इनका साल 2020 कैसा रहा, उन्होंने शेयर किया यहां-
सबसे पहले आप हमारे साथ अपना अनुभव शेयर करें कि कोरोना महामारी के दौरान आपका 2020 कैसा रहा?
क्या बोल सकती हूं, 2020 काे ताे सच में शायद दुनिया का कोई शख्स नहीं भूल सकता है। एक ऐसी भी लाइफ हो सकती है, ये कभी हमारे कल्पना में भी नहीं था। अभी तक कई बार सोचती हूं, तो लगता है कि कहीं कोई फिल्म का सीन तो नहीं चल रहा है। सच बोलूं, तो ये साल बहुत ही खराब गया है। कहते हैं कि हॉउस वाइफ की लाइफ में ज्यादा प्रभाव नहीं पड़ा है, पर ऐसा बिल्कुल भी नहीं है। बहुत फर्क आया है, फिर चाहे वो मेंटल हेल्थ की बात हो या काम को लेकर। दोनों ही बहुत ज्यादा बढ़ गए हैं। हेल्थ को लेकर डर तो बना ही रहता है, वो एक अलग पहलू है। वीकएंड में जो बाहर जाती थी, वो भी जाना बंद हो गया है। मेरी 7 महीने की प्रेग्नेंसी है। ये मेरी दूसरी प्रेग्नेंसी है। दोनों बार का अनुभव बिल्कुल अलग है। मैनें अपनी पहली प्रेग्नेंसी को खुब एंजॉय किया था। इस बार तो कुछ क्रेविंग होने पर भी 10 बार सोचना पड़ता है।
आपने अपनी मेंटल हेल्थ को सही बनाए रखने के लिए क्या किया?
जैसा कि मैं प्रेग्नेंट हूं, तो मुझे बाहर जानें को भी नहीं मिलता, बिल्कुल भी। एक ही वातावरण में रहते हुए कई बार काफी मुश्किल हो जाती है। बहुत ही ज्यादा तनाव महसूस होता है, पर क्या कर सकते हैं। अभी तो फिर भी कुछ सही है, लॉकडाउन के समय काफी ज्यादा तनाव हो गया था। खुद की मेटल सिच्युएन को बैलेंस रखने में मुश्किल हो रही थी। अपने मेंटल स्ट्रेस को कम करने के लिए मैँ अपने पसंद के सिरयल देखती हूं और फ्रेंड़स से वीडियो काॅल कर के बात करती हूं। इसके अलावा मैं मिडटेशन करने की कोशिश करती हूंं।
लॉकडाउन से लेकर अभी आपने अपनी लाइफस्टाइल में क्या-क्या बदलाव किए और कैसे बैलेंस बनाए रखा?
लॉकडाउन से लेकर अब तक मेरे लाइफस्टाइल में कई तरह के बदलाव आए हैं। थोड़ा सा लेजी फिल करने लगी हूं। लाइफस्टाइल बहुत ज्यादा बदल गई है, पहले सभी काम के लिए खुद बाहर जाया करती थी, बच्चे को स्कूल लेने से लेकर शॉपिंग तक के लिए। पर जब से हर चीज डिजिटल हो गई, तब से बच्चे की पढ़ाई से लेकर शॉपिंग तक सभी चीजें ऑनलाइन होने लगी है। अब पहले जैसे एक्टिव फील नहीं होता है। इसी तरह और भी बहुत से तरह के बदलाव आए हैं।
फिटनेस के लिए आपने क्या किया?
फिटनेस के लिए मैं अपनी डायट का ध्यान रखती हूं। ऑयली खाने से बचने की कोशिश करती हूं। इस कोविड काल में भले इतना सब कुछ हुआ है, पर एक चीज और खराब हुई है। लोगों का वजन भी बहुत ज्यादा बढ़ा है। जिससे उन्हें कई तरह की हेल्थ प्रॉब्लम आई है। घर में रहकर एक्सरसाइज हो नहीं पाती है और इस टाइम डॉक्टर ने मुझे ऐसे भी एक्सरसाइज मना कर रखा है, इसलिए मैं सिर्फ डायट पर ध्यान देती हूं।
सबसे बड़ा चैलेंज आपके लिए क्या रहा ?
सबसे बड़ा चैलेंज ये पूरा साल ही रहा, जो कि बिल्कुल भी आसान नहीं था। सबसे ज्यादा मुश्किल छोटे बच्चे की ऑनलाइन पढ़ाई के साथ उसकी मेंटल हेल्थ को अच्छे बनाए रखने की कोशिश करना। मेरी 4 साल की बेटी है।
ऐसी कौन सही आदते हैं जो आपने 2020 में अपनी लाइफस्टाइल में अपनाईं, हेल्थ में सुधार के लिए?
हेल्दी डायट और अच्छी हेल्थ के लिए काढ़ा पीने की आदत को अब हमेशा फॉलो करने वाले हैं, ताकि भविष्य में भी अन्य तरह के इंफेक्शन से बच सकें और इम्यूनिटी भी अच्छी बनी रहे।
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2- हर इंफेक्शन से बचने के लिए जरूरी है काढ़े का सेवन- रंदीप सिंह, मैनेजर महिंद्रा
34 साल के रंपीद सिंह महिंद्रा लखनउ में मैनेजर हैं। उनका कहना है कि लॉकडाउन के बाद से उनकी मेंटल हेल्थ और काम दोनों ही प्रभावित हुआ है। इनका कहना है कि ये साल तो जैसे भी निकल गया पर आशा करता हूं कि आने वाला साल काफी अच्छा हो और सभी हेल्दी रहें।
सबसे पहले आप हमारे साथ अपना अनुभव शेयर करें कि कोरोना महामारी के दौरान आपका 2020 कैसा रहा?
साल 2020 सभी के लिए किसी चैलेंज से कम नहीं रहा, खासतौर पर उनके लिए जो लॉकडाउन के समय 4-5 महीनों के लिए फंस गए थे। मेरा भी अनुभव कुछ ऐसा ही रहा है। मैं भी फंस गया था, दिल्ली में जॉब काे लेकर। वो समय काफी आसान नहीं था। सभी दोस्त पहले ही अपने घर चले गए थे। ये अंदाजा बिल्कुल भी नहीं था कि लॉकडाउन इतना लंबा जाएगा। अब मैं घर आ गया हूं और वर्क फ्रॉम होम कर रहा हूं। इसमें भी कई तरह के चैलेंज हैं।
आपने अपनी मेंटल हेल्थ को सही बनाए रखने के लिए क्या किया?
जैसा कि मैंने बताया कि मैं वर्क फ्रॉम होम कर रहा हूं, तो एक तरह से कह सकते हैं लाइफ बिल्कुल चेंच हो गई है। अब पूरे दिन घर में वर्क फ्रॉम होम में ही निकल जाता है। पहले ऑफिस से घर आने के बाद एक बदलाव सा महसूस होता था। लेकिन अब ऐसा नहीं है। काम के स्ट्रेस के साथ 24 घंटे एक ही जगह पर रहना काफी तनावभरा हो जाता है कई बार। न दोस्तों से मिलना हो पाता है। खुद को मेंटली फिट रखने के लिए मैं सुबह उठकर वॉक करता हूं, क्योंकिा दिनभर का ज्यादा से ज्यादा समय बैठकर काम करते हुए निकलता है।
लॉकडाउन से लेकर अभी आपने अपनी लाइफस्टाइल में क्या-क्या बदलाव किए और कैसे बैलेंस बनाए रखा?
लॉकडाउन से लेकर अभी तक लाइफ एक सी है, क्योंकि एक तो बाहर निकलने का समय नहीं मिल पाता है और दूसरा अभी कोविड का डर खत्म नहीं हैं। इसलिए ज्यादातर समय मैं घर पर ही रहता हूं। हां, एक बात जरूर है कि इस लॉकडाउन में मेरी पत्नी की शिकायत मुझे खत्म हो गई है कि मैं उसे समय नहीं देता हूूं। ये वजह भी पहले कई बार हमारे बीच झगड़े और तनाव का कारण रहती थी। इसके अलावा फूड हैबिट में भी कई काफी बदलाव आया है। पहले ऑफिर टाइम पर जाने के लिए सुबह समय पर ब्रेकफास्ट कर लेता था, पर अब नहीं हाे पाता है। ब्रेकफास्ट में ही 12 बजे के बाद हो पाता है। एक तहर से कहें ताे लाइफस्टाइल काफी खराब हो गई है। पहले सब चीजें अपने फिक्स टाइम पर हुआ करती थीं।
फिटनेस के लिए आपने क्या किया?
सच कहूं तो फिटनेस के नाम पर सुबह उठकर बस थोड़ा सा वॉक ही कर पाता हूं। कुछ भी नहीं हाे पता है ऐसा कि जिससे अच्छी फिटनेस अच्छी हो। कितनी भी कोशिश कर लूं, तब भी घर पर उतना वर्कआउट नहीं हो पाता है। हां ये बात जरूर है कि घर पर हेल्दी डायट लेने लगा हूं। जिसकी वजह से हेल्थ अच्छी हुई है, पहले से। पहले शरीर में खून और विटामिन की कमी के कारण कई दिक्कतें महसूस होती थीं, जैसे कि चक्कर और थकान। अब वैस नहीं होता है।
सबसे बड़ा चैलेंज आपके लिए क्या रहा ?
साल 2020 का हर एक दिन काफी चैलेज भरा रहा है। लेकिन सबसे ज्यादा मुश्किल पल लॉकडाउन का समय था। जब मैं दिल्ली में अकेले फस गया था। वो ऐसा समय था कि न साथ में कोई रहने वाला था और न ही बाहर निकल सकता था। कितने दिन तक एक ही समय पर रहना काफी मुश्किल भरा था।
ऐसी कौन सही आदते हैं जो आपने 2020 में अपनी लाइफस्टाइल में लाया, हेल्थ में सुधार के लिए?
हाथों को सैनेटाइज और इस हेल्दी डायट की आदत को हमेशा अपने अंदर बनाए रखूंगा। ये बात समझ चुका हूं कि कभी भी कोई बीमारी बता कर नहीं आती है। इसलिए सभी के लिए जरूरी है कि आप अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता हो अच्छा बनाए रखें।
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3- कोरोना पॉजिटिव होने के बाद मैं ने धैर्य से काम लिया- अरुण कुमार, बिजनसमेन
कोरोना से पूरी दुनिया में दहशत है। इससे बचने के लिए लॉकडाउन से लेकर सोशल डिस्टेंसिंग को अपनाया जा रहा है। यह तो रही बात कोरोना के संक्रमण से बचने के लिए। मगर, संक्रमित होने या संदिग्ध होने की स्थिति में कोई क्या करे, इसका जवाब खुद कोरोना पॉजिटिव ने दिया है। उनका कहना है कि सबसे पहले सबसे पैनिक होने के बजाय खुद को शांत रखें। मानसिक रूप से स्वयं को परिस्थिति के लिए तैयार करें। नकारात्मक विचारों को कतई मन में न आनें दें।
सबसे पहले आप हमारे साथ अपना अनुभव शेयर करें कि कोरोना महामारी के दौरान आपका 2020 कैसा रहा?
सबसे बड़ा मुझे कोरोना का अनुभव हुआ और मन से अब एक डर सा बैठ गया है, अभी तक तो ठीक हो रहा हूं, लेकिन कहीं भविष्य में दोबारा न हो जाए। काफी तनाव भरा रहा साल 2020 हमारे लिए।
कोरोना पॉजिटिव होने की रिपोर्ट का पता चलने पर मानसकि स्थिति क्या थी ?
मैं कोरोना पॉजिटिव हूं, यह स्वीकार करना काफी मुश्किल था। लेकिन पॉजिटिव आने के बाद मैं मानसिक रूप से काफी हद तक तैयार था।
डॉक्टर ने आपको क्या बताया है
शरीर में वायरस होने के बावजूद मुझमें कोई लक्षण जैसे कफ, फीवर, सांस लेने में तकलीफ नहीं दिख रहे थे। डॉक्टर ने बताया कि 14 दिन के आइसोलेशन अवधि में मुझे अपनी सेहत पर पूरा ध्यान देना है। शारीरिक स्वास्थ्य के साथ-साथ मानसिक सेहत भी अच्छी रखनी है।
अभी दिनचर्या क्या है?
घर से अस्पताल तक खाना लाने के लिए मेरी कंपनी की ओर से कैब की व्यवस्था की गई है। सुबह आठ बजे नाश्ता, 12 बजे खाना, शाम में स्नैक्स और रात में ताजा खाना समय से मिलता है। अच्छी मानसिक सेहत के लिए किताबें पढ़ता हूं, परिवार और दोस्तों से फोन पर बात करता हूं। तय दिनचर्या का पालन करता हूं। सुबह व्यायाम से शुरुआत होती है और रात में समय पर सोता हूं।
अगर किसी को संक्रमण हो, ताे क्या करना चाहिए?
सबसे पहले तो पैनिक होने के बजाए खुद को शांत रखें। मानसिक रूप से स्वयं को परिस्थिति के लिए तैयार करें। शारीरिक व मानसिक सेहत को बेहतर बनाए रखने का प्रयास करें। इम्यून सिस्टम को मजबूत रखने पर ध्यान दें। अगले दिन की योजना बनाएं। निगेटिव विचारों से बचने के लिए एक दिन पहले तय कर लें-जैसे कल ये दो किताबें पढ़नी है। समय गुजारने की योजना नहीं बनाने पर नकारात्मक विचारों से बचना मुश्किल हो सकता है।
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4- इस उम्र में अगर कोराेना हो गया ताे क्या होगा, हमेशा एक डर रहता है- शेफ नीरा कुमार,दिल्ली
नीरा कुमार की उम्र 55 वर्ष हैं और वो एक कुकरी एक्स्पर्ट हैं। उनका कहना है कि कोविड को लेकर उनके अंदर एक डर बैठ गया है और उनकी उम्र भी हो गई है। जानें 2020 को लेकर उनका अनुभव-
सबसे पहले आप हमारे साथ अपना अनुभव शेयर करें कि कोरोना महामारी के दौरान आपका 2020 कैसा रहा?
काफी डर और तनाव से भरा रहा साल 2020 हमारे लिए। मेरी उम्र 55 साल और मेरी पति की उम्र 60 वर्ष के करीब है। इस उम्र में अगर कोरोना हो गया, तो क्या होगा ये डर हमेशा मन में बना रहता है कि इस उम्र में अगर कोरोना हो गया तो क्या होगा। नीरा कुमार अपना अनुभव शेयर करते हुए बता रही है कि कोरोना से वे कैसे बचाव करती हैं- 17 मार्च को जब हमारी सोसाइटी में कोरोना का दूसरा केस सामने आया तो पूरी सोसाइटी को सील कर दिया गया था। न्यूज़ चैनल व अखबारों में हमारी सोसाइटी का नाम खूब सुर्खियों में रहा। वह पहली शुरुआत थी। मैं और मेरे पति बहुत डरे हुए थे बाहर टहलने ना जाकर घर में ही टहलना शुरू किया। सभी काम वालों के आने की मनाही थी । धीरे धीरे जब लॉकडाउन खुलने लगा और जरूरत पड़ने पर बाहर जाने की शुरुआत हुई तो हमको लगा कि हम सीनियर सिटीजन हैं तो हमें अपनी सुरक्षा सुरक्षा के प्रति ज्यादा सावधानी बरतनी चाहिए।
आपने अपनी मेंटल हेल्थ को सही बनाए रखने के लिए क्या किया?
अपनी मेंटल हेल्थ को सही बनाए रखने के लिए मैं घर पर ही रोज नियिमित रूप से योगा और मेडिटेशन करती हूं। घर पर सिर्फ मैं और मेरे पति रहते हैं, तो ऐसे में खुद का उनका ख्याल रखने के लिए मेंटली फिट होना बहुत जरूरी है। बच्चे हमारे बाहर रहते हैं।
लॉकडाउन से लेकर अभी आपने अपनी लाइफस्टाइल में क्या-क्या बदलाव किए और कैसे बैलेंस बनाए रखा?
वो बताती हैं कि मेरी लाइफस्टाइल में बहुत बदलाव आया है, जैसे कि मैं ये सभी बातों को नियमित रूप से फॉलो करता हूं-
- पहली बात यह है कि जब भी डोरबेल बजती ,तो मास्क लगाने के बाद ही दरवाजा खोलते हैं ।
- दूसरी बात 2 गज की दूरी बनाकर ही रहते हैं बाहर वालों के साथ ।
- तीसरा घर से बाहर निकलते समय मास्क लगाने के साथ-साथ नाक में आलमंड ऑयल लगाते हैं और मुंह में दो ल़ौंग रख लेते हैं ताकि नाक व मुंह के जरिए वायरस अंदर ना जा पाए ।
- बाहर से वापस आने पर जूते चप्पल बाहर ही उतारते हैं और सीधे बाथरूम में जाकर नहा कर ही बाहर निकलते हैं। पानी में थोड़ा सा एंटीसेप्टिक भी डाल लेते हैं ।जो मास्क लगा कर गए हैं उसको धो डालते हैं ।साथ में सारे कपड़े भी। फिर गर्म पानी पीते हैं या कभी-कभी हल्दी वाला काढ़ा भी पी लेते हैं।
- इन सब के साथ-साथ जरूरी है कि अपने इम्यून सिस्टम को भी मजबूत रखा जाए। इसके लिए हमारी दिनचर्या में शामिल है आंवला ,गिलोय और एलोवेरा का जूस और थोड़ी सी धूप। आजकल हमारा नाती भी आया हुआ है।उसको भी इन सभी बातों का पालन कराते हैं।
- हम लोग कभी-कभी स्टीम भी ले लेते हैं। विशेष रुप से जिस दिन हम बाहर जाते हैं।
- इस तरह से हम लोगों ने इस कोविड महामारी के समय में अपने आप को सुरक्षित रखा हुआ है।
फिटनेस के लिए आपने क्या किया?
फिटनेस के लिए मैं रोज योगा करती हूं और अपनी खानपान का पूरा ध्यान रखती हूं। काढ़ा तो जरूर पीती हूं।
सबसे बड़ा चैलेंज आपके लिए क्या रहा ?
अभी तक कोरोना से खुद बचा रख पाना हमारे लिए सबसे बड़ा चैलेंज रहा है। ये साल तो कैसे-जैसे निकल गया, पर आने वाल साल में सब कुछ सही रहे, यही उम्मीद करती हूं।
ऐसी कौन सही आदते हैं जो आपने 2020 में अपनी लाइफस्टाइल में लाया, हेल्थ में सुधार के लिए?
सबसे पहले तो दिन भर में कई बार हाथों काे धुलने की आदत। हर साल लोग कई तरह के इंफेक्शन से शिकार होकर बीमार होते हैं, ये आदत उन्हें भविष्य में होने वाले
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5- एक डर हो गया है कि क्या जिंदगी अब पहले जैसी होगी क्या- दिव्या सिंह, वेब डिजाइनर
दिव्या सिंह की उम्र 36 साल है और वो एक वेब डिजाइनर हैं। दिव्या का अनुभव भी साल 2020 को लेकर कुछ अच्छा नहीं है। वो कहती हैं कि उन्हें इस साल काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। उनका बेटा 4 साल का है और बच्चे की हेल्थ को लेकर उन्हें काफी चिंता रहती है।
सबसे पहले आप हमारे साथ अपना अनुभव शेयर करें कि कोरोना महामारी के दौरान आपका 2020 कैसा रहा?
काेरोना जैसी महामारी के साथ ये साल काफी मुश्किल भरा रहा है। हमारी लाइफ और काम दोनों ही सफर हुआ है। एक तरह से कहें कि साल 2020 काफी तनाव भरा रहा है। अभी भी सबकुछ वैसा ही है। ये पूरा साल एक डर में निकला और अभी भी अंदर एक डर बना हुआ है कि बाहर निकलना सुरक्षित हैं कि नहीं। कहीं बाहर गए और कोरोना के शिकार हो गए, तो क्या करेंगे। अभी भी संकट थमा नहीं है। उम्मीद है कि आने वाले साल के साथ चीजें सही हो जाए।
आपने अपनी मेंटल हेल्थ को सही बनाए रखने के लिए क्या किया?
पिछले कुछ समय से तनाव इतना ज्यादा है कि अपनी मेंटल हेल्थ को हेल्दी बनाए रखने में काफी मुश्किल हो रही है। मैं मानसिक शांति के लिए विभिन्न प्रकार के योग करती हूं। इतना ही नहीं बुक्स रीडिंग करती हूं और अपने साेने का समय का ध्यान रखती हूं।
लॉकडाउन से लेकर अभी आपने अपनी लाइफस्टाइल में क्या-क्या बदलाव किए और कैसे बैलेंस बनाए रखा?
इस लाॅकडाउन में लाइफस्टाइल मेरी काफी प्रभावित हुई है, फिर वो चाहें खाने का समय हो या एक्सरसाइज का समय। लेकिन फिर भी मैं अपने लाइफस्टाइल को बैलेंस बनाए रखने की कोशिश करती हूं। रात काे जल्दी सोने और सुबह जल्दी उठाने की काेशिश करती हूं। डायट में भी काफी सिंपल फूड खाने की ही कोशिश करती हूं। हरी सब्जियां और सलाद जैसे हेल्दी फूड खाती हूं ताकि इम्यूनिटी अच्छी बनी रहे।
फिटनेस के लिए आपने क्या किया?
मैं जिम तो नहीं जा पाती हूं, क्योंकि अभी भी कोविड का खतरा बना हुआ है। तो घर पर ही मैं पावर योगा और एरोबिक्स करती हूं।
सबसे बड़ा चैलेंज आपके लिए क्या रहा ?
जैसा कि इस साल का अधिक से अधिक समय घर पर ही निकला, तो ऐसे में एक खुद के बढ़ते हुए वजन को रोकना काफी मुश्किल रहा है।
ऐसी कौन सही आदते हैं जो आपने 2020 में अपनी लाइफस्टाइल में लाया, हेल्थ में सुधार के लिए?
मैं पहले बाहर का खाना बहुत खाती थी, खासतोर पर बाहर का बर्गर। मेरी जंक फूड की आदत काफी कम हो गई है। इस साल हर किसी की आदत में स्टिम लेने और काढ़ा पीना शामिल हुआ है। जिसे मैं पूरे भविष्य में भी फॉलो करने वाली है।
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6- लॉकडाउन से पूरी लाइफस्टाइल प्रभावित हो गई- शालिनी गुप्ता, फैशन डिजाइनर
शालिनी गुप्ता दिल्ली में रहती हैं और यह एक फैशन डिजाइनर हैं। शालिनी ने अपना अनुभव शेयर करते हुए बताया कि साल 2020 मैं अपनी जिंदगी में कभी नहीं भूल सकती हूं। अभी भी यकिन नहीं होता है कि ये क्या हो गया है। कोविड जैसे कोई बीमारी भी हो सकती है, ऐसा कभी ख्याल में भी नहीं आया ।
सबसे पहले आप हमारे साथ अपना अनुभव शेयर करें कि कोरोना महामारी के दौरान आपका 2020 कैसा रहा?
ये साल मेरे लिए काफी चुनौतीभरा रहा है। मेरे घर में मेरे ससुर और सास दोनों को कोविड हो गया था। उनकी उम्र काफी होने की वजह से हम डर गए थें, पर अभी वो ठीक हैं। हमारे अंदर खुद भी खौफ हो गया था। ये खौफ अभी भी है। लाइफ में हर तरह से काफी बदलाव आया है। जोकि कई बार स्ट्रेस की वजह है।
आपने अपनी मेंटल हेल्थ को सही बनाए रखने के लिए क्या किया?
अपनी मेंटल हेल्थ को अच्छा बनाए रखने के लिए मैं सूर्य नमस्कार करती हूं।
लॉकडाउन से लेकर अभी आपने अपनी लाइफस्टाइल में क्या-क्या बदलाव किए और कैसे बैलेंस बनाए रखा?
मैं एक वर्किंग वुमन हूं और अचानक से मेरा घर पर रहना और लाइफस्टाइल में बदलाव काफी चुनौतीपूर्ण रहा है। अचानक से ऐसा हुआ, कुछ सोचा नहीं था।
फिटनेस के लिए आपने क्या किया?
मैं विभिन्न प्रकार के योग करती हूं।
सबसे बड़ा चैलेंज आपके लिए क्या रहा ?
जब मेरे सास ससुर को काेविड हो गया था तो मेरे लिए काफी चुनौतीपूर्ण रहा।
तो आपने जाना कि साल 2020 को लेकर लोगों की क्या राय है। सही हालात किसी से छुपे भी नहीं हैं और शायद हम सबका अनुभव भी ऐसा ही रहा होगा। पर सबसे बड़ी बात ये है कि अभी भी संकट टला नहीं है और आने वाले साल में भी क्या स्थिति रहेगी , ये कुछ कहा नहीं जा सकता है। इसलिए सावधानी रखना अभी भी जरूरी है।
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