पेंडेमिक में अल्जाइमर पेशेंट की देखभाल कैसे करें?

Published:Nov 30, 202309:52
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कोविड-19 महामारी के इस वक्त में लोगों के लिए स्वस्थ्य रहना किसी चुनौती से कम नहीं है। यह परेशानी और तब बढ़ जाती है जब परिवार के सदस्य अस्वस्थ्य हों या बुजुर्ग हों। इस पेंडेमिक के वक्त में अल्जाइमर पेशेंट की देखभाल कैसी होनी चाहिए? अल्जाइमर के पेशेंट को किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए? क्योंकि देश में कोरोना के मामले लगातार बढ़ते जा रहें हैं। ऐसी स्थिति में बीमार व्यक्ति, बुजुर्ग या विशेष रूप से अल्जाइमर पेशेंट की बात करें, तो इन लोगों के लिए परेशानियां और ज्यादा बढ़ गई हैं, तो पेंडेमिक में अल्जाइमर पेशेंट की देखभाल कैसे की जानी चाहिए? क्योंकि इन लोगों का रूटीन चेकअप न होकर सिर्फ काउंसलिंग ही की जाती है। लोगों को जागरूप करने के लिए कई सारी जानकारियां साझा की जाती है। इसलिए विश्व अल्जाइमर दिवस (World Alzheimer Day) प्रत्येक वर्ष 21 सितंबर को मनाया जाता है। ‘वर्ल्ड अल्जाइमर डे’ के माध्यम से अल्जाइमर के बारे में लोगों को और ज्यादा जागरूप करना है। इस आर्टिकल में समझेंगे –

पेंडेमिक में अल्जाइमर पेशेंट की देखभाल
  • अल्जाइमर क्या है?
  • अल्जाइमर के लक्षण क्या हैं?
  • डॉक्टर से कंसल्ट करना क्यों जरूरी है?
  • पेंडेमिक में अल्जाइमर पेशेंट की देखभाल कैसे करें?
  • अल्जाइमर के पेशेंट का खाना-पान कैसा होना चाहिए? 
  • पेंडेमिक में अल्जाइमर पेशेंट की देखभाल के साथ ही क्या-क्या सावधानी बरतें?

ऊपर बताये गए सवालों के साथ-साथ अल्जाइमर से जुड़े अन्य सवालों को भी समझने की कोशिश करेंगे।

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अल्जाइमर क्या है?

अल्जाइमर जिसे सामान्य भाषा में भूलने की बीमारी (याददाश्त कमजोर होना) कहते हैं। अल्जाइमर डिमेंशिया का सबसे आम कारण माना जाता है। उम्र बढ़ने के साथ-साथ याददाश्त कमजोर होना सामान्य माना जाता है। लेकिन इस मानसिक परेशानी को आम परेशानी समझते हुए लोग नजरअंदाज कर देते हैं। भूलने की यही परेशानी धीरे-धीरे व्यक्ति के सोचने या समझने की शक्ति पर असर डालने लगती है और परेशानी बढ़ने की वजह से व्यक्ति अपने दैनिक कार्यों को भी पूरा करने में सक्षम नहीं पाता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि अल्जाइमर के कारण मस्तिष्क में कोशिकाओं (सेल्स) के हो रहे निर्माण स्वतः नष्ट होने लगते हैं। बढ़ती उम्र में अल्जाइमर से पीड़ित व्यक्ति की विचारधारा भी बदलने लगती है और वे नकारात्मक प्रवृति भी अपनाने लगते हैं। अल्जामइर विशेषरूप से 60 वर्ष की आयु से ज्यादा उम्र के लोगों में होने वाली परेशानी है। लेकिन कई बार अल्जाइमर की यह समस्या कम उम्र के लोगों में भी देखी जा सकती है

अल्जाइमर के लक्षण क्या हैं?

अल्जाइमर से पीड़ित लोगों में निम्नलिखित बदलाव या लक्षण देखे जा सकते हैं। जैसे:

  • हाल-फिलाल की बातों को भूल जाना
  • वॉलेट (Wallet) कहां रखा है, यह याद न रहना
  • एटीएम (ATM) पासवर्ड भूल जाना या याद रखने में कठिनाई होना
  • डिप्रेशन या चिड़चिड़ापन होना
  • भ्रम की स्थिति में रहना
  • थका हुआ महसूस करना
  • लोगों से मिलने की इच्छा न होना या अकेले रहना
  • काम करने की इच्छा नहीं होना
  • बात करने में कठिनाई महसूस होना
  • कोई भी निर्णय लेने में परेशानी महसूस होना
  • स्वभाव में अत्यधिक बदलाव होना
  • रास्ता भूलना

इन परेशानियों के साथ-साथ पेंडेमिक में अल्जाइमर पेशेंट की देखभाल करने के लिए निम्नलिखित परेशानियों को भी ध्यान रखना जरूरी है। जैसे:

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पेंडेमिक में अल्जाइमर पेशेंट की देखभाल कैसे करें?

महामारी के दौरान अल्जाइमर मरीजों देखभाल के लिए टिप्स निम्नलिखित हैं। जैसे:

कोविड पेंडेमिक में अल्झाइमर केयर टिप्स 1: कोविड पेंडेमिक की जानकारी दें

पेंडेमिक में अल्जाइमर पेशेंट की देखभाल करते हुए सबसे पहले उन्हें इस महामारी की जानकारी दें। कोरोना वायरस क्या है और इस बीमारी से कैसे बचें? यह उन्हें आराम से समझाएं। ध्यान रखें की वो पेंडेमिक का नाम सुनकर घबराएं नहीं। क्योंकि घबराहट की वजह से उनकी शारीरिक या मानसिक परेशानी बढ़ सकती है।

कोविड पेंडेमिक में अल्जाइमर केयर टिप्स 2: हाथ धोना

20 सेकंड तक हाथ धोने की आदत डालें। ध्यान रखें की उन्होंने हाथ को अच्छी तरह से साफ किया या नहीं। किसी भी खाने-पीने की चीजों के सेवन से पहले हाथ अवश्य धुलवाएं या सैनिटाइजर से हाथ को सेनेटाइज करें।

कोविड पेंडेमिक में अल्जाइमर केयर टिप्स 3: घर से बाहर न जाने दे

पेंडेमिक में अल्जाइमर पेशेंट की देखभाल के लिए यह जरूर ध्यान रखें की वो बाहर न जाएं या किसी बाहरी व्यक्ति के संपर्क में न आएं। सोशल डिस्टेंसिंग का पूरी तरह पालन करें।

कोविड पेंडेमिक में अल्जाइमर केयर टिप्स 4: दैनिक कार्य में बदलाव न लाएं

महामारी के वक्त में ज्यादातर लोग वर्क फ्रॉम होम कर रहें। ऐसे में घर में मौजूद बुजुर्गों या अल्जाइमर के पेशेंट का डेली रूटीन न बदलें। उन्हें समय पर उठना, दैनिक कार्य करना, घर के अंदर ही टहलना और छोटी-छोटी गतिविधियों में शामिल रखें।

कोविड पेंडेमिक में अल्जाइमर केयर टिप्स 5: टेक्नोलॉजी

इस महामारी में टेक्नोलॉजी का उपयोग कैसे करना है, यह हमसभी समझ रहें हैं। ठीक वैसे ही बुजुर्गों को ऑनलाइन गेम में कुछ वक्त तक व्यस्त रहने की आदत डालें। वीडियो कॉलिंग के माध्यम से उन्हें उनके दोस्तों से बात करवाएं। दूसरे जगह रह रहें परिवार से सदस्यों से भी वीडियो कॉल से बात करने की सलाह दें।

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पेंडेमिक में अल्जाइमर पेशेंट की देखभाल के लिए खान-पान कैसा होना चाहिए?

अल्जाइमर की बीमारी से लड़ने के लिए फिलाल कोई दवा उपलब्ध नहीं है। इसलिए सामान्य दिनों के साथ-साथ पेंडेमिक में अल्जाइमर पेशेंट की देखभाल करना बेहद जरूरी है। इसलिए अल्जाइमर पेशेंट्स के खान-पान का विशेष ख्याल रखें।

पेंडेमिक में अल्जाइमर पेशेंट की देखभाल करने के लिए निम्नलिखित टिप्स फॉलो करें।

पेंडेमिक में अल्जाइमर पेशेंट की देखभाल के लिए टिप्स 1: ब्रोकोली (Broccoli)

ब्रोकोली में विटामिन, खनिज, फाइबर और एंटीऑक्सिडेंट की प्रचुर मात्रा मौजूद होती है। एंटीऑक्सिडेंट सेल्स के निर्माण में सहायक होता है। अल्जाइमर के पेशेंट्स के ब्रेन में सेल्स बनने के साथ-साथ नष्ट भी होने लगते हैं। ऐसी स्थिति में ब्रोकोली का सेवन लाभकारी हो सकता है। इसके नियमित और संतुलित मात्रा में सेवन से तनाव भी कम हो सकता है।

पेंडेमिक में अल्जाइमर पेशेंट की देखभाल के लिए टिप्स 2 : फूल गोभी (Cauliflower)

फूल गोभी में फाइबर, विटामिन-बी, विटामिन-सी, फोलेट, विटामिन-के की प्रचुर मात्रा होती है। इसमें मैग्नीशियम, कैल्शियम, फास्फोरस, पोटेशियम और मैंग्नीज जैसे खनिज तत्व भी उपलब्ध होते हैं। प्रोटीन से भरपूर फूल गोभी में फैट (वसा) की मात्रा कम होती है। इसके साथ ही इसमें एंटीओक्सिडेंट और फाइटो न्यूट्रिएंट्स की भी मौजूदगी होती है। ये याददाश्त को बेहतर बनाये रखने में मददगार होते हैं।

पेंडेमिक में अल्जाइमर पेशेंट की देखभाल के लिए टिप्स 3: पालक (Spinach)

पालक प्रोटीन, आयरन, विटामिंस, मिनरल्स, अल्फा लिपोइक एसिड नामक एंटीऑक्सिडेंट से भरपूर माना जाता है। इसके साथ ही पालक ऑक्सिडेटिव स्ट्रेस को भी कम करने में सहायक माना जाता है। इसके सही मात्रा में सेवन से तनाव कम होने  शुगर लेवल भी कंट्रोल रह सकता है।

पेंडेमिक में अल्जाइमर पेशेंट की देखभाल के लिए टिप्स 4: टमाटर (Tomato)

टमाटर में विटामिन-सी, पोटैशियम, फोलेट, विटामिन-के एवं एंटीऑक्सिडेंट मौजूद होता। वहीं टमाटर में तकरीबन 95 प्रतिशत पानी, 5 प्रतिशत कार्बोहाइड्रेट और फाइबर की मात्रा होती है। टमाटर के सेवन से कैंसर जैसी जानलेवा बीमारियों से बचने के साथ-साथ यह अल्जाइमर के मरीजों के लिए भी लाभकारी माना जाता है।

इन सब्जियों के साथ-साथ अन्य हरी पत्तीदार सब्जियों का सेवन भी लाभकारी माना जाता है।

पेंडेमिक में अल्जाइमर पेशेंट की देखभाल के लिए टिप्स 5: पानी (Water)

ज्यादातर बुजुर्गों में तंत्रिका संबंधी परेशानी और डिहाइड्रेशन जैसी परेशानी देखी जाती है। इसलिए दो से ढ़ाई लीटर पानी का सेवन रोजाना करना लाभकारी होता है। वहीं शुगरी ड्रिंक से परहेज करना भी जरूरी होता है।

पेंडेमिक में अल्जाइमर पेशेंट की देखभाल के लिए टिप्स 6: जंक फूड

जंक फूड और अत्यधिक तेल मसाले वाला खाद्य पदार्थ का सेवन खुद भी न करें और बुजुर्गों को भी न करने दें।

पेंडेमिक में अल्जाइमर पेशेंट की देखभाल के लिए बेहतर होगा की संतरे और बेरीज जैसे फलों का सेवन करें। इनमें एंटीऑक्सिडेंट की मात्रा ज्यादा होती है, जो अल्जाइमर परेशेन्ट्स के लिए अच्छा माना जाता है। इसके साथ ही ओमेगा-3 फैटी एसिड युक्त खाद्य पदार्थ जैसे बिन्स, नट्स, सल्मोन या टूना का सेवन किया जा सकता है।

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डॉक्टर से कंसल्ट करना क्यों जरूरी है?

पेंडेमिक में अल्जाइमर पेशेंट की देखभाल के साथ ही अगर निम्नलिखित परेशानी समझ आये तो डॉक्टर से कंसल्ट करें। जैसे:

  • अल्जाइमर पीड़ित व्यक्ति के लक्षणों में ज्यादा बदलाव देखना
  • अगर कोई शारीरिक परेशानी शुरू हो जाए या किसी बीमारी के लक्षण नजर आने लगे
  • दवाओं के डोज में कोई बदलाव की बाद हेल्थ एक्सपर्ट बता चुके हों

इन ऊपर बताये गए बिंदुओं के साथ-साथ कोई और परेशानी नजर आने पर हेल्थ एक्सपर्ट से कंसल्ट करना बेहतर विकल्प हो सकता है।

अगर आप कोविड पेंडेमिक में अल्जाइमर केयर से जुड़े किसी तरह के कोई सवाल का जवाब जानना चाहते हैं तो विशेषज्ञों से समझना बेहतर होगा।

हैलो हेल्थ ग्रुप चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार प्रदान नहीं करता है

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