बढ़ा हुआ वजन बीमारियों को न्यौता देने का काम करता है। वजन बढ़ने से न केवल शारीरिक परेशानियों का सामना करना पड़ता है बल्कि मानसिक समस्याएं भी पैदा होने लगती हैं। आपने वजन को घटाने के लिए अब तक बहुत से उपाय अपनाएं होंगे लेकिन कुछ ही उपाय ऐसे होंगे, जो आपकी मदद करते हैं। वजन कम करने के लिए लाइफस्टाइल में सुधार करना बहुत जरूरी है। कुछ दवाएं भी वेट कंट्रोल का काम करती हैं। इसी क्रम में आज हम आपको होम्योपैथी दवाओं के बारे में जानकारी देने जा रहे हैं, जो वजन कम करने में मदद कर सकती हैं। जानिए वेट लॉस के लिए होम्योपैथिक दवाएं कितनी असरदार होती हैं और इन्हें लेने के साथ ही किन बातों का ध्यान रखने की आवश्यकता है।
वेट लॉस (Weight Loss) के लिए होम्योपैथिक दवाएं
होम्योपैथिक दवाओं का निर्माण प्लांट्स, मिनिरल और एनिमल प्रोडक्ट से किया जाता है, जो शरीर कि विभिन्न प्रकार की बीमारीयों को ठीक करने में काम आती हैं। होम्योपैथिक चिकित्सा का कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है लेकिन ये दवाएं अपना असर दिखाती हैं। होम्योपैथिक दवाओं की गुणवत्ता का आकलन कठिन है और इसका किस व्यक्ति पर कितना प्रभाव होगा, ये बात भी कह पाना मुश्किल है। चूंकि होम्योपैथिक दवाओं के दुष्प्रभाव कम ही देखने को मिलते हैं, इसलिए इनका सेवन करना आपके लिए फायदेमंद साबित हो सकता है। वजन कम करने के लिए सबसे अच्छा तरीका बैलेंस्ड डायट और एक्सरसाइज है। आप वेट मेंटेन करने के लिए डायट और एक्सरसाइज के साथ ही होम्योपैथिक दवाओं का इस्तेमाल भी कर सकते हैं।
वेट लॉस के लिए होम्योपैथिक दवाओं का इस्तेमाल डॉक्टर से जानकारी लेने के बाद ही करना चाहिए। अगर आप पहले से किसी प्रकार की दवा का सेवन कर रहे हैं, तो इस बारे में डॉक्टर को जरूर बताएं। ऐसा करने से आप होम्योपैथी और एलोपैथी की दवाइयों के रिएक्शन से बच सकते हैं। दोनों दवाएं एक साथ रिएक्शन कर शरीर को नुकसान भी पहुंचा सकती हैं। बेहतर होगा कि आप इस बारे में डॉक्टर से परामर्श जरूर कर लें और फिर नियमित दवाओं का सेवन करें। वजन घटाने के लिए डॉक्टर आपको निम्नलिखित दवाओं का सेवन करने की सलाह दे सकते हैं।
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कैल्केरिया कार्बोनेट(calcarea carbonate): ये दवा ओएस्टर सेल्स (oyster shells) से बनी होती है। इसे दिन में तीन से पांच ड्रॉप लेने की सलाह दी जाती है। आप इसे दिन में तीन बार ले सकते हैं। बिना डॉक्टर की सलाह के इस दवा का सेवन न करें।
ग्रेफाइट्स(graphites): ये कार्बन से मिलकर बने होते हैं।
पल्सेटिला निग्रांस(pulsatilla nigrans): इस दवा को विंडफ्लावर (windflower) से बनाया जाता है।
नैट्रम म्यूरिएटिकम (natrum muriaticum): ये दवा सोडियम क्लोराइड से मिलकर बनी होती है। ये शरीर के एनर्जी लेवल को बढ़ाने का काम करती है।
इग्नाटिया (ignatia): सेंट इग्नेशियस बीन के पेड़ के बीज से ये दवा बनाई जाती है।
वेट लॉस के लिए होम्योपैथिक दवाएं (Homeopathic Medication) असरदार होती हैं?
हम जानते हैं कि आपके मन में ये प्रश्न जरूर होगा कि क्या होम्योपैथिक दवाएं वजन कम करने में मदद करती हैं? इस सवाल का जवाब है कि अभी इस मामलें में चिकित्सा अध्ययन बहुत सीमित हैं। साल 2014 में करीब 30 अधिक वजन वाले लोगों में होम्योपैथिक दवाओं के असर को लेकर रिसर्च की गई थी। रिचर्स में ये बात सामने आई कि जिन लोगों नें हेल्दी डायट के साथ ही होम्योपैथिक दवाओं का सेवन किया था, उनके परिणाम असरदार थे। गर्भवती महिलाओं को होम्योपैथी दवा का सेवन न करने की सलाह दी जाती है। अगर आप प्रेग्नेंट हैं और होम्योपैथी ट्रीटमेंट के बारे में सोच रही हैं, तो बेहतर होगा कि आप पहले डॉक्टर से परामर्श जरूर कर लें।
क्या होम्योपैथिक ट्रीटमेंट के साइड इफेक्ट हो सकते हैं?
जी हां! अन्य दवाओं की तरह ही होम्योपैथी दवाओं के भी दुष्प्रभाव हो सकते हैं। होम्योपैथिक ट्रीटमेंट को अनरेगुलेटेट ( unregulated) माना जाता है। होम्योपैथिक ट्रीटमेंट के ज्यादातर साइडइफेक्ट ज्ञात नहीं है। दवा का सेवन करने से निम्नलिखित समस्याएं हो सकती हैं।
कुछ दवाओं का सेवन शरीर के लिए घातक भी हो सकता है। होम्योपैथिक दवाएं प्राकृतिक तरीके से बनाई जाती हैं और इसमे डाले जाने वाले इंग्रीडिएंट्स को डायल्यूट किया जाता है। अगर इंग्रीडिएंट्स को सही तरह से डायल्यूट नहीं किया जाता है, तो ये शरीर के लिए घातक भी हो सकती है। उदाहरण के तौर पर होम्योपैथिक सप्लीमेंट में आर्सेनिक और एकोनाइट (arsenic and aconite) का इस्तेमाल किया जाता है, जो अगर बिना डायल्यूट किए लिए जाएं, तो शरीर के लिए घातक साबित हो सकते हैं। बेहतर होगा कि आप होम्योपैथिक ट्रीटमेंट विशेषज्ञ से ही कराएं। अगर आपको दवा का सेवन करने के बाद कोई साइड इफेक्ट दिखें, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
वेट लॉस टिप्स वजन घटाने में करेंगे आपकी मदद
जैसा कि हम आपको पहले ही बता चुके हैं कि वजन कम करने के लिए आपको लाइस्टाइल में सुधार करने की अधिक आवश्यकता है। अगर आप रेग्युलर एक्सरसाइज के साथ ही रोजाना पौष्टिक आहार का सेवन करेंगे, तो वजन कंट्रोल रहेगा। अगर किसी बीमारी के कारण आपका वजन बढ़ रहा है, तो उस बीमारी का इलाज बहुत जरूरी है। आपको वेट लॉस करने के लिए फिजिकल एक्टिविटी बढ़ानी होगी। साथ ही रोजाना ली जाने वाली कैलोरी की जानकारी भी आपके लिए मददगार साबित हो सकती है।
- मॉर्निंग में भूखा रहकर और फिर हैवी लंच करना आपकी सेहत के लिए अच्छा नहीं है। बेहतर होगा कि सुबह हेल्दी ब्रेकफास्ट लें।
- खाने में फैटी फूड और स्वीट की मात्रा को कम करें। विटामिन्स, मिनिरल्स, प्रोटीन, कार्ब आदि आपके शरीर के लिए जरूरी हैं। इनकी पर्याप्त मात्रा का रोजाना सेवन करें।
- जितनी कैलोरी ले रहे हैं, उसे खर्च भी करें। अगर आप फिजिकल एक्टिविटी ज्यादा करते हैं, तो उसी के अनुसार डायट लें।
- अगर आपका मेटाबॉलिज्म खराब है, तो डॉक्टर को उस बारे में जरूर बताएं। मेटाबॉलिज्म खराब होने से वेट बढ़ता रहता है।
- आप एक्सपर्ट की मदद से रोजाना एक्सरसाइज भी कर सकते हैं। एक्सरसाइज करने से शरीर का एक्ट्रा फैट बाहर निकल जाता है।
आप हाईट और वेट के अनुसार डायट ले सकते हैं। बेहतर होगा कि आप इस बारे में एक्सपर्ट से जानकारी लें। किसी भी दवा का सेवन करने से पहले डॉक्टर से परामर्श जरूर करें। होम्योपैथी दवाओं का सेवन करने से पहले दी गई बातों को ध्यान से पढ़ें। आप स्वास्थ्य संबंधि अधिक जानकारी के लिए हैलो स्वास्थ्य की वेबसाइट विजिट कर सकते हैं। अगर आपके मन में कोई प्रश्न है, तो हैलो स्वास्थ्य के फेसबुक पेज में आप कमेंट बॉक्स में प्रश्न पूछ सकते हैं।
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